Budget 2024: हिमाचल को आपदा के बाद पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए मिलेगी वित्तीय मदद, जानें बजट घोषणाएं

हिमाचल प्रदेश को बीते वर्ष आई प्राकृतिक आपदा के बाद पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में हिमाचल में पुननिर्माण व पुनर्वास के लिए सहायता का एलान किया। सीतारमण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष बाढ़ के कारण व्यापक हानि हुई है। हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए राज्य को सहायता उपलब्ध कराएगी।  हिमाचल के अलावा उत्तराखंड, असम, सिक्किम को भी इस तरह की मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों को 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसी तरह सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इससे हिमाचल के युवाओं को भी लाभ होगा। मंडी सीट से सांसद कंगना रणौत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए राहत कोष का वादा किया गया है। हम बजट से बहुत खुश हैं।

सीएम सुक्खू ने बजट पर ये कहा
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस राशि का बजट में उल्लेख किया गया है, वह उत्तराखंड, सिक्किम सहित कुछ अन्य राज्यों को भी दी गई है, इसका विस्तृत का आदेश पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

किसानों-बागवानों ये भी ये घोषणाएं
किसानों को खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि व बागवानी फसलों की 109 नई उच्च पैदावार वाली व जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएगी। इसी के साथ अगले दो साल तक एक करोड़ किसानों को प्रमाणपत्र व ब्रांडिंग द्वारा सहायता देकर प्राकृतिक खेती की शुरुआत की जाएगी। 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन की व्यवस्था की जाएगी। दालों और तिलहन के लिए मिशन मोड पर काम होगा। 400 जिलों में फसलों का सर्वे किया जाएगा। इन घोषणाओं से हिमाचल के किसानों-बागवानों को लाभ होगा। प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं तथा 70 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है। राज्य में सेब की बागवानी 5,000 करोड़ रुपये की आर्थिकी बनकर उभरी है।  छह करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्योरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराए जाएंगे।

 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण
पांच सालों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। पीएम आवास योजना में 10 लाख करोड़ निवेश कर शहरी गरीबों व मध्य वर्ग की आवश्यकताएं पूरी होंगी।  हिमाचल में पुननिर्माण व पुनर्वास के लिए सहायता

कितना आयकर देना होगा
नई कर व्यवस्था में 17,500 रुपये तक का फायदा होगा। तीन लाख रुपये तक की आय पर आयकर शून्य रहेगा। तीन से पांच लाख पर पांच प्रतिशत, 7 से 10 लाख पर 10, 10 से 12 लाख रुपये पर 15, 12 से 15 लाख पर 20 व 15 लाख रुपये से अधिक बचत पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स लगेगा। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,00 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई है। पेंशनरों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई है।

जनजातीय-बहुल गांवों के लिए ये घोषणा
जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें 63,000 गांव शामिल होंगे जिससे पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा। हिमाचल के चंबा, लाहौल-स्पीति व किन्नौर जिले के लोगों को इसका लाभ होगा।

शहरी आवास और पीएमजीएसवाई के लिए ये घोषणाएं
बजट में घोषणा की गई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 10 लाख करोड़ के निवेश से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में  2.2 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है। जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीएसवाई का चरण चार आरंभ किया जाएगा।

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